नई दिल्लीः यह 27 नवंबर की सुबह थी। तकरीबन साढ़े सात बजे थे। यह सर्द मौसम की एक अलसाई सुबह थी और देश का एक बड़ा हिस्सा रजाई-कंबलों से नहीं निकला था। लेकिन वहीं दूसरी ओर देश का ही एक खास तबका जिसे किसान कहते हैं, वह बॉर्डर पर जुटा हुआ था। बॉर्डर, यानी कि दिल्ली की सीमा पर, अपनी मांगों को लेकर अड़ा हुआ था। मांगे हैं किसानों के लिए समर्थन मूल्य को लेकर, हालांकि मोदी सरकार इस बात पर कई बार भरोसा जता चुकी है कि कृषि कानून किसानों की सहूलियत के लिए हैं, लेकिन फिर भी अगर प्रदर्शन हो रहे हैं तो बात कहीं अटकी हुई है। सुबह 8:15 बजे सुबह के सवा आठ बजे, इस वक्त तक सारा देश यह जान चुका था कि किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। सुबह ही सुबह दिल्ली मेट्रो ने सेवा बाधित की जानकारी ट्वीट के जरिए दे दी थी। दिल्ली-हरियाणा के सिंधु बॉर्डर पर भी किसानों का जमावड़ा लगा था। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर सील कर रखे थे। किसानों को दिल्ली आने से रोका जा सके इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात था। इस समय कृषि बिल वापस लेने तक किसान आंदोलन वापस लेने को तैयार नहीं थे। रातभर सड़क पर किसान डटे रहे। वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने ट्वीट किया, ‘किसान बिलों के विरोध में प्रदर्शन के लिए किसान पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों से आ रहे हैं. अपने किसान भाइयों के लिए दिल्ली सरकार ने पानी और अन्य सुविधाओं का इंतजाम किया है।’ आम आदमी पाटी के विधायक राघव चड्डा (Raghav Chaddha) के अनुसार, सीएम केजरीवाल निजी रूप से बुराड़ी में इंतजामों पर निगरानी कर रहे हैं जिसमें टेंट और खाद्य सामग्री की सप्लाई शामिल है। दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन और विधायक व दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्डा ने भी मैदान का दौरा किया। पुलिस ने कहा कि मैदान के आसपास के इलाकों की शराब दुकाने बंद कर दी गई हैं।
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